कोई भी लेखक न तो संपर्क-सबन्धविलीन हो सकता है न परिवेश-निरपेक्ष, इसलिए उन घटनाओं को तो इसका अनिवार्य हिस्सा होना ही था, जिन्होंने मात्र मेरी संवेदना को ही नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, उपरोक्त कथन किसका है
मन्नू भंडारी (एक कहानी यह भी-भूमिका)