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शृंगार रस का परिचय है

विभाव, अनुभाव, संचारी भाव के संयोग से पति पत्नी का या प्रेमी प्रेमिका का रति स्थायी भाव शृंगार रस कहलाता है। यह रस विष्णु देवता से सम्बन्धित है। इसके आश्रय और आलम्बन नायक नायिका है।