वर्तमान मूल्य (बंधपत्र का) क्या है
मुद्रा की वह मात्र, जिसे आज ब्याज अर्जन परियोजन में रखने से उतनी ही आय का सृजन होता है, जितनी कि किसी बंधपत्र के द्वारा उसकी कालावधि के उपरांत होता है।
मुद्रा की वह मात्र, जिसे आज ब्याज अर्जन परियोजन में रखने से उतनी ही आय का सृजन होता है, जितनी कि किसी बंधपत्र के द्वारा उसकी कालावधि के उपरांत होता है।